लेखनी प्रतियोगिता -28-Mar-2022इन्सान की भूल
क्या भूल हुई इन्सा से इतनी बुरी बीमारी आई।
रिश्ते नाते भूल गये बेदर्दी की बदली छाई।।
हम कैसे भूल जाय इस करौना काल को।
कैसे भूल सकते है करौना मे हुए बेहाल को।।
बेटा डर गया नही कंधा दिया बाप की अर्थी को।
बेदर्दी बनगया कि दूरसे जोडे़ हाथ माँ की अर्थी को।।
भूल गये मानवता बेच दिया था अपना ईमान।
ऐसा समय आया कि मानवता भूल गया इंसान।।
क्या भूल हुई जो इतना दर्द दिया भगवान।
इस करौना में इन्सान बनगया था हैवान।।
यह सब इन्सान की भूलौ का ही है नतीजा।
यह सब है प्रकृति से छेड़ छाड का नतीजा।।
Shrishti pandey
29-Mar-2022 09:17 AM
Nice
Reply
Naresh Sharma "Pachauri"
29-Mar-2022 11:44 AM
धन्यवादजी
Reply
Abhinav ji
29-Mar-2022 08:05 AM
Very nice👍
Reply
Naresh Sharma "Pachauri"
29-Mar-2022 11:44 AM
Very very thanjs
Reply
Punam verma
29-Mar-2022 07:33 AM
Very nice
Reply
Naresh Sharma "Pachauri"
29-Mar-2022 11:43 AM
Very very thanks
Reply